रंगों की पहचान: अपने बच्चो को रंगो की पहचान कराना सिखाना चाहते है तो जानिए ये प्रभावी तरीके कौन कौन से है
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रंगों की पहचान |
आज हम बच्चों को रंगों की पहचान (color-recognition) कराने के उन कई सारी गतिविधियों के बारे में जानेंगे जिससे कि बच्चा जल्दी ही रंगों की पहचान करने लग जाए।
बच्चों को रंगो के नाम से परिचित कैसे कराएं, बच्चों को रंग से परिचित कराते समय यह ध्यान रखें कि प्रत्येक बच्चा अलग-अलग गति से सीखता है किसी में सीखने की क्षमता ज्यादा होती है तो कोई बच्चा धीरे-धीरे सीखता है।
इसलिए बच्चों को रंगो की पहचान कराते समय धैर्य रखें और अपने बच्चों के सीखने की गति पर ध्यान देकर उनके अनुसार ही रंगों से परिचित कराते जाए।
बच्चों को रंग की पहचान कराने के लिए आज हम उन सारे गतिविधियों और तरीकों का उपयोग करेंगे जिससे कि बच्चा जल्दी से जल्दी रंगों की पहचान करने लग जाए, बच्चों को रंगों की पहचान कराने के कई प्रभावित तरीके जिसे आप अपने दिनचर्या में अपना सकते हैं जैसे की
बच्चो में रंगो की पहचान करने के कई प्रभावी तरीके
बच्चों को रंगों से पहचान कराने के लिए सबसे पहले रंगों के नाम को सरल और स्पष्ट तरीके से बताएं फिर रंगों को पहचान और नाम देने के लिए खेल और रचनात्मक गतिविधियों का उपयोग करें जैसे की रंगीन किताबें, चित्रकला और रंग-बिरंगे सामानों से परिचित कराये और धैर्य रखें एक बार में दो या तीन रंगों पर ध्यान केंद्रित करें।
सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करना चाहिए:
रंगों के नाम बच्चों को स्पष्ट रूप से बताएं जैसे कि यह लाल रंग का बाल है, यह पीला कलर का शर्ट है।
रंगीन किताबें का उपयोग करें:
रंगीन चित्र वाली किताबें बच्चों को रंगों से परिचित कराने में एक शानदार तरीका बनकर सामने आती है।
चित्रकला के माध्यम से बच्चों को रंग से परिचित करें:
बच्चों को रंगों के साथ खेलने और प्रयोग करने को कहे जैसे की पेंटिंग या फिर ड्राइंग करते समय कलर के नाम का उपयोग करके बच्चों को करने के लिए कहे।
आई स्पाई:
एक रंगीन वस्तु को देखकर उसकी ओर इशारा करते हुए बच्चे को उसका नाम बताने के लिए कहे
रंग छांटना:
बच्चों को अलग-अलग रंग वाली वस्तुओं को एक-एक करके उठाकर किसी समूह में रखने के लिए कहे।
अलग-अलग रंगों की एक ही वस्तु का उपयोग करके:
अलग-अलग रंगों के बने हुए एक ही तरह के खिलौने का उपयोग करके बच्चों को रंगों में अंतर करना सिखाए उन्हें बताएं कि यह लाल कलर है और यह नीला कलर है।
बुनियादी रंगो (लाल, पीला, नीला ) से शुरुआत करें:
बच्चों को रंग से परिचित कराने के लिए अर्थात अपने बच्चों को रंग सिखाने के लिए आप बुनियादी रंग से ही इसकी शुरुआत कर सकते हैं और इसके बाद धीरे-धीरे रंगों के मिश्रण और अन्य कई तरह के रंगों की पहचान बच्चो को करवा सकते है ये रंग बच्चों को पहचानने के लिए बहुत आसान होते हैं।
खिलौने और वस्तुओं का उपयोग करके बच्चों को रंगों के नाम से परिचित कराएं:
बच्चों को उनके खिलौने, कपड़ों या घर की कई सारी वस्तुओं का उपयोग करके रंगों की पहचान कराएं, बच्चों से बात करते समय बात-बात में रंगों के नाम ले जैसे कि अपने रेड कलर का बाल उठाओ, अपने नीले कलर के बैट लेकर आओ, आज आपने जो रेट शर्ट पहनी है वह बहुत अच्छा लग रहा है।
खेल-खेल में बच्चों को रंग से परिचित करें:
रंगों के नाम बताने वाले खेल खेल जैसे की नीले रंग का ब्लॉक ढूंढो।
कहानी सुनाएं:
कुछ ऐसी कहानी पढ़े जो रंगों के बारे में भी उल्लेख हो और चित्रों में रंगों नाम की पहचान (colors name identification) करने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें।
अपने दिनचर्या में रंगो पर बात करें:
अपने रोजमर्रा की गतिविधियों में कई तरह की बात करते समय बच्चों के सामने रंगों के नाम का प्रयोग करें जैसे की यह लाल सेब है जो आप अभी खा रहे हो, आज आपने जो रेड शर्ट पहनी है यह बहुत अच्छी लग रही है।
रंगों और भावनाओं के बीच संबंध बताएं:
बच्चों को ये भी बताएं कि रंग भावनाओं से भी जुड़े होते हैं जैसे कि लाल रंग गुस्सा और नीला रंग उदासी से जुड़ा होता है।