संतुलित बल और असंतुलित बल - ldkalink

संतुलित बल और असंतुलित बल (balanced and unbalanced force): इससे पहले वाले आर्टिकल में हमने बल के बारे में विस्तार से जाना था पर अभी हम Santulit bal और asantulit bal के बारे में उदाहरण के साथ जानने वाले है। 

संतुलित बल से आप क्या समझते हैं (santulit Bal se aap kya samajhte hain) और असंतुलित बल से आप क्या समझते हैं (asantulit Bal se aap kya samajhte hain) इन दोनो के बारे में ही आज हम विस्तार से समझने वाले हैं कि यह दोनों बल (santulit or asantulit bal) एक दूसरे से किस प्रकार से अलग है, क्या अंतर इन दोनों में होता है।  

Santulit-bal-asantulit-bal-kise-kahate-hai-anter-udaharan-balanced-and-unbalanced-force-definition-example-in-Hindi
संतुलित बल  और असंतुलित बल (balanced and unbalanced force)

सबसे पहले हम संतुलित बल तथा (tatha) असंतुलित बल "santulit aur asantulit bal" क्या होता होता है (kya hota hai) को इसकी परिभाषा और इसके उदाहरण (examples) से समझने का प्रयास करते है। 


संतुलित बल किसे कहते है ? (Santulit bal kise kahate hain)

संतुलित बल परिभाषा (santulit bal ki paribhasha/definition Balanced force): संतुलित बल का मतलब (अर्थ) जब किसी वस्तु पर समान बल विपरीत दिशाओं में लगता है तो यह बल संतुलित बल कहलाता है समान बल विपरीत दिशा में होने के कारण वस्तु का परिणामी बल शून्य हो जाता है। 

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संतुलित बल और असंतुलित बल (balanced and unbalanced force)


"santulit bal kya hai" यह फिर "santulit bal kise kahate hain" संतुलित बल को हम इस प्रकार से भी समझ सकते हैं कि संतुलित बल आकार में बराबर तो होते हैं परंतु उनकी दिशाएं जो होती है वह विपरीत होती है इस तरह से संतुलित बल परिणाम में बराबर लेकिन दिशा में विपरीत होने के कारण वस्तु पर लगने वाला परिणामी बल शून्य हो जाता है।

संतुलित बल द्वारा कभी भी किसी वस्तु की स्थिर अवस्था या स्थिर गति की अवस्था को कभी भी नहीं बदला जा सकता, इसका सबसे बड़ा कारण यह होता है की जिस भी वस्तु पर बल लग रहा होता है वह विपरीत दिशाओं में समान परिणाम के दो बल वस्तु पर लग रहा होता है अब दोनों दिशाओं में जब सामान बल लगेगा तो वह वस्तु किसी एक ओर नहीं जा सकती और इस तरह से अपने जगह पर ही बने रहती है।

संतुलित बल के उदाहरण (santulit bal ka Udaharan)

संतुलित बल के कई सारे उदहारण (example) हमारे दैनिक जीवन में देखने को मिलता ही है जैसे की: 

1.    रस्साकसी का खेल में लगने वाला बल  

आपने कभी रस्साकसी का खेल देखा ही होगा इस खेल में दो टीमें होती है और दोनों टीमों में दोनों तरफ समान व्यक्ति होते है। 

दोनो टीमों द्वारा रस्सी को दोनो ओर से खींचा जाता है अब यदि दोनो ओर से लगने वाला बल समान होता है तो यहां पर वस्तु का परिणामी बल शून्य हो जाता है क्योंकि समान बल विपरीत दिशा में लग रहा है। 

इस तरह से वस्तु स्थिर अवस्था में ही रहता है वस्तु में किसी तरह का कोई गति नहीं होता है तो इस प्रकार का बल जो वस्तु पर लग रहा है इसे संतुलित बल कहते है। 

2.    जमीन में रखी मेज पर दोनों ओर से सामान बल लगने पर लगने वाला बल


यदि जमीन पर एक मेज रखी है और इसे दोनों ओर से सामान बल से विपरीत दिशा में खींचा जाता है तो इस पर लगने वाला बल एक संतुलित बल होता है, क्योंकि विपरीत दिशाओं में बराबर बल  लगते रहता है इस स्थिति में मेज अपनी जगह पर ही बना रहता है।


Santulit bal
संतुलित बल



3.     बैग ऊपर उठाने पर लगने वाला बल 


जब हम अपने हाथ से किसी बैग को ऊपर की ओर उठाते हैं तो इस पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैग पर लंबवत नीचे की दिशा में कार्य कर रहा होता है जबकि इसके विपरीत दिशा में हमारे द्वारा ऊपर की दिशा में बैग पर जो बल लगाया जाता है ये एक दूसरे को संतुलित करते हैं इस तरह से बैग हाथ में अपनी जगह स्थिर बना रहता है।


Santulit bal
संतुलित बल (balanced force)




4. दीवार को धक्का देने के लिए लगाया गया बल


जब हमारे द्वारा किसी दीवार पर बल लगाया जाता है पर दीवार अपनी जगह से नहीं हिलता कोई भी परिवर्तन इसमें नहीं आता है तो हमारे द्वारा लगाया गया बल एक संतुलित बल कहलाता है, क्योंकि जितना बल हमारे द्वारा दीवार पर लगाया जा रहा होता है उतना ही बल दीवार द्वारा हम पर भी लग रहा होता है जिससे कि बल समान और विपरीत दिशा में होने पर यह एक संतुलित बल होता है।


Santulit bal
संतुलित बल (balanced force)



5. वस्तु को स्थिर गति से आगे बढ़ाने के लिए लगाया गया बल

यदि कोई वस्तु जैसे की गेंद को अगर हम सीधी रेखा में स्थिर गति से आगे बढ़ाने के लिए लगातार इस पर बल लगाते हैं तब इस पर कार्य करने वाला बल एक संतुलित बल होता है।

संतुलित बल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें: 

  • संतुलित बल, किसी भी पिंड की गति में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं करता है।
  • संतुलित बल, किसी पिंड को गति अवस्था में नहीं ला सकता है। 
  • संतुलित बल, किसी भी पिंड की चाल में बदलाव नहीं कर सकता है। 
  • संतुलित बल का जो परिणाम होता है वह स्पष्ट नहीं होता है।
  • यदि कोई व्यक्ति किसी सतह पर बैठा है, तो यह एक संतुलित बल का उदाहरण है। 
  • यदि कोई वस्तु कहीं पर लटकाया गया है, तो वस्तु का इस तरह से लटकना एक संतुलित बल का उदाहरण है। 
  • यदि कोई व्यक्ति किसी सतह पर खड़ा है, तो उसके द्वारा लग रहा बल एक संतुलित बल है। 
  • हम सभी जानते हैं कि ग्रह जो कि सूर्य की एक निश्चित कक्षा में परिक्रमा करते रहते हैं तो इस तरह से सभी ग्रह भी संतुलित बल के उदाहरण में से एक है।

संतुलित बल की विशेषताएं 

  1. संतुलित बल किसी भी वस्तु की विराम या गति की स्थिति में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन करने की अनुमति नहीं देता है। 
  2. संतुलित बल किसी भी गतिशील वस्तु की दिशा या गति बदलने की अनुमति नहीं देता है। 
  3. संतुलित बल में लगने वाले कुल बलों का परिणामी शून्य होता है।

असंतुलित बल किसे कहते है ? (asantulit bal kise kahate hain)

असंतुलित बल परिभाषा (definition Unbalanced force): असंतुलित बल का मतलब (अर्थ) जब किसी वस्तु पर असमान बल विपरीत दिशाओं में लगते है तो यह बल असंतुलित बल कहलाता है और इसका परिणामी बल शून्य नही होता है। 

"asantulit bal kya hai" यह फिर "asantulit bal kise kahate hain" जब किसी वस्तु पर एक ओर ज्यादा बल लग रहा होता है और दूसरी ओर कम बल लग रहा होता है तो इस स्थिति में वस्तु उस तरफ विस्थापित हो जाती है जिस दिशा में ज्यादा बल लग रहा होता है तो किसी वस्तु पर इस तरह के लगने वाले बल को ही असंतुलित बल कहा जाता है। 

जब कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है और इस पर असंतुलित बल लगता है तो वस्तु गति की अवस्था में आ जाती है, और कही यदि वस्तु गतिशील अवस्था पर होती है और इस पर असंतुलित लगता है तो वस्तु और गतिशील हो जाती है या फिर धीमी हो जाएगी, या फिर रुक जाएगी या फिर इसकी दिशा बदल जाएगी, इस तरह से जब कभी भी किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगता है तो वस्तु की स्थिति में परिवर्तन देखने को मिलता है।

असंतुलित बल के उदाहरण (asantulit bal ka Udaharan)

असंतुलित बल के कई सारे उदहारण (examples) हमारे दैनिक जीवन में देखने को मिलता ही है जैसे की:

1.    रस्साकसी का खेल में लगने वाला बल  

जब रस्साकसी के खेल में एक ओर कम बल लगता है और दूसरी ओर ज्यादा बल लगता है तो जिस ओर ज्यादा बल लग रहा है रस्सी उसी दिशा में विस्थापित हो जाता है इसलिए इस स्थिति में वस्तु का परिणामी बल शून्य नही हो पता है इस प्रकार का बल असंतुलित बल कहलाता है।

2. फर्श पर लुढ़कती हुई गेंद

जब किसी गेंद को फर्श पर फेंका जाता है तो यह गेंद फर्श पर लुढ़कती हुई धीरे-धीरे इसकी गति कम होने लगती है क्योंकि इस पर गेंद के गति की विपरीत दिशा में घर्षण बल कार्य कर रहा होता है जिससे बल असंतुलित हो जाता है परिणाम स्वरुप गेंद थोड़ी दूर जाकर रुक जाता है।

असंतुलित बल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें: 

  • असंतुलित बल, किसी भी पिंड की गति में बदलाव करता है।
  • असंतुलित बल, किसी पिंड को गति अवस्था में ला सकता है। 
  • असंतुलित, किसी भी पिंड की चाल में बदलाव कर सकता है। 

संतुलित बल और असंतुलित बल में अंतर (Santulit bal aur asantulit bal mein anter)


difference between balanced and unbalanced force in Hindi:

  • संतुलित बलों का जो परिणाम होता है वह बराबर होता हैं लेकिन इनकी दिशाएं विपरीत होती है, जबकि असंतुलित बलों का परिणाम बराबर नहीं होता है और यह एक ही दिशा में या विपरीत दिशा में लग सकते हैं। 
  • जब किसी वस्तु पर संतुलित बल लग रहा होता है तो वह वस्तु स्थिर रहती है या स्थित गति से चलते रहती है लेकिन, जब असंतुलित बल लग रहा हो तो वस्तु त्वरित हो जाती है अर्थात इसके गति बदलते रहती है। 
  • जब किसी वस्तु पर संतुलित बल लग रहा होता है तो वस्तु की गति में कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलता है लेकिन, यदि किसी वस्तु पर असंतुलित बल लग रहा हो तो वस्तु की गति में बदलाव होता है। 
  • न्यूटन के गति का पहला नियम बताता है कि यदि कोई वस्तु स्थिर है तो वह स्थिर ही रहेगी और यदि गतिमान है तो वह उसी गति से चलते रहेगी जब तक कि उस पर कोई असंतुलित बाह्य  बाल ना लगाया जाए।

संतुलित बल और असंतुलित बल उदाहरण: 


माना लकड़ी के एक गुटखा एक टेबल पर रखा है और लकड़ी के दोनो ओर हुक लगा कर समान लंबाई के रस्सी लगा दिया जाता है अब इस रस्सी को दोनो ओर से समान बल लगाकर विपरीत दिशा में खींचा जाता है।

बल समान होने के करना वस्तु की स्थिति में परिवर्तन नही होता है और इसका परिणामी बल शून्य हो जाता है इसे संतुलित बल कहा जाता है। 

लेकिन जब दोनो दिशाओं में लगने वाला बल अलग अलग होता है यानि एक तरफ ज्यादा और एक तरह कम तो जिस ओर ज्यादा बल होगा लकड़ी उसी दिशा में खींचा चला जाता है तो इस तरह के बल को असंतुलित बल कहा जाता है। 


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