प्राकृत संख्याएं (natural numbers) किसे कहते है जानिए सबसे छोटी और सबसे बड़ी प्राकृत संख्या कौन सी है, क्या शून्य प्राकृत संख्या है
प्राकृत संख्याएं (natural numbers): आज हम जानने वाले हैं कि गणित (maths) में प्राकृत संख्या (prakrutik sankhyaen kya hain या kise kahate hain) की परिभाषा (definition) क्या है इसके साथ ही प्राकृत संख्या कैसे ज्ञात करते हैं, प्राकृत संख्या कैसे लिखते हैं इन सब के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं।
यदि आपसे कोई किसी तरह का कोई प्रश्न करता है की प्राकृतिक संख्या से आप क्या समझते हैं (what is natural numbers in maths in Hindi) और प्राकृत संख्या में सबसे छोटी प्राकृत संख्या कौन सी है और सबसे बड़ी प्राकृत संख्या कौन सी है तो इन सब के बारे में हम आज विस्तार से पढ़ने वाले हैं।
प्राकृत संख्याओं, को ही अंग्रेजी में (in English) "natural numbers" के नाम से जाना जाता है तो चलिए अब हम देखते हैं कि प्राकृत संख्याएं (natural numbers) आखिरकार होता क्या है किस तरह से इसे लिखा जाता है इसके बारे जानते है।
प्राकृत संख्याएं (natural numbers in Hindi) क्या है या किसे कहते है
प्राकृत संख्याएं (natural numbers) का अर्थ: वे संख्याएं जिनका उपयोग हमारे द्वारा दैनिक जीवन में किसी भी वस्तुओं को गिनने (गणना) करने के लिए किया जाता है प्राकृत संख्याएं कहलाती है ये संख्याएं 1 से शुरू होती है और अनंत तक जाती है गणित में इन प्राकृत संख्याओं को "N" अक्षर द्वारा दर्शाया जाता है उदाहरण (example) के लिए N = 1,2,3,4,5……
प्राकृत संख्याओं का उपयोग किसी भी तरह की वस्तुओं को गिनने के लिए किया जाता है जैसे कि हम इसके उदाहरण को देखते हैं यदि आपके पास 3 पेन है तो आप इसे गिनने के लिए प्राकृत संख्याओं का ही उपयोग करते हैं और एक दो तीन करके इन प्राकृत संख्याओं की सहायता से ही इसकी गणना करते हैं।
प्राकृत संख्याएं, हमेशा धनात्मक पूर्णांक होती है अर्थात 1,2,3,4,5… ये प्राकृत संख्याएं एक से शुरू होकर अनंत तक जाती है इस प्रकार प्राकृत संख्याओं का कोई भी अंत नहीं है इसलिए यह अनंत तक जाती है।
प्राकृत संख्याओं में आमतौर पर शून्य को शामिल नहीं किया जाता है उदाहरण के लिए प्राकृत संख्याओं को इस प्रकार लिखा जाता है N = 1,2,3,4,5…… जिसमें शून्य का उल्लेख नहीं होता है।
प्राकृत संख्याओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें जिन्हें हमें हमेशा याद रखना होता है जैसे की
1. गणना या गिनने की संख्याएं
प्राकृतिक संख्याओं का उपयोग किसी भी वस्तुओं को गिरने के लिए किया जाता है।
2. धनात्मक पूर्णांक
प्राकृत संख्या है हमेशा धनात्मक पूर्णांक होती है जैसे की N = 1,2,3,4,5……प्राकृतिक संख्याएं 1 से शुरू होकर अनंत तक जाती है इस प्रकार प्राकृत संख्याओं का कोई भी अंत नहीं होता है।
3. शून्य शामिल नहीं है
प्राकृत संख्या में आमतौर पर जीरो को शामिल नहीं किया जाता है उदाहरण के लिए N = 1,2,3,4,5…… सभी प्राकृत संख्या है।
प्राकृत संख्याओं से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न जो के नीचे दिए गए हैं:
प्रश्न 1. 1 से 10 के बीच कितनी प्राकृत संख्याएं है
उत्तर: प्राकृत संख्या जो की एक से शुरू होती है और अनंत तक जाती है इस तरह 1 से 10 के बीच (1,2,3,4,5,6,7,8,9,10) कुल 10 प्रकृति संख्याएं होगी।
प्रश्न 2. सबसे छोटी प्राकृत संख्या कौन सी है
उत्तर: प्राकृत संख्याओं में सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 है प्राकृतिक संख्याओं में शून्य को शामिल नहीं किया जाता है पर सबसे छोटी पूर्ण संख्याओं में जीरो शामिल होता है इस तरह सभी प्राकृत संख्याएं एक पूर्ण संख्याएं होती है लेकिन सभी पूर्ण संख्याएं प्राकृत संख्याएं नहीं होती, शून्य को छोड़कर प्रत्येक पूर्ण संख्या एक प्राकृत संख्या होती है।
प्रश्न 3. सबसे बड़ी प्राकृतिक संख्या कौन सी है
उत्तर: प्राकृत संख्याओं में सबसे बड़ी प्राकृत संख्या नहीं होती है क्योंकि प्राकृत संख्याएं अनंत तक जाती है अर्थात इसका कोई अंत नहीं है।
प्रश्न 4. क्या शून्य प्राकृत संख्या है
उत्तर: नहीं, शून्य एक प्राकृतिक संख्या नहीं है प्राकृतिक संख्या 1 से शुरू होकर अनंत तक जाती है जिसमें जीरो शामिल नहीं होता है।