गुरुत्वीय बल की विशेषताएं - ldkalink
Gurutviy Bal ki visheshtaen: आज हम गुरुत्वीय बल की कौन-कौन सी विशेषताएं होती है इनके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
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गुरुत्वीय बल की विशेषताएं
- किन्हीं भी दो पिंडों के बीच लगने वाले गुरूत्वीय बल पर उनके मध्य उपस्थित माध्यम या अन्य पिंडों की उपस्थिति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
- दो पिंडों के बीच लगने वाले गुरुत्वीय बल का परिणाम बराबर होते हैं परंतु उनके दिशाएं विपरीत होते हैं
- जिस पिंड का द्रव्यमान अधिक होता है उसका त्वरण कम होता है और जिस पिंड का द्रव्यमान कम होता है उस पिंड का त्वरण अधिक होता है अर्थात त्वरण पिंडों के द्रव्यमान पर निर्भर करता है
- गुरुत्वाकर्षण का नियम बिंदु द्रव्यमनों के लिए सत्य है परंतु जब दोनों पिंडों के बीच की दूरी उनके आकार की तुलना में बहुत ज्यादा हो तो इस नियम को लागू किया जा सकता है इस स्थिति में दोनों पिंडों के द्रव्यमान केंद्रों के बीच की दूरी को उनके बीच की दूरी मान लेते हैं
- गुरुत्वीय बल को केंद्रीय बल भी कहा जाता है अर्थात यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा के अनुमति कार्य करता है इस प्रकार गुरूत्वीय बल में गोलीय सममिति का गुण भी पाया जाता है
- गुरुत्वीय बल, एक संरक्षी बल भी होता है
- गुरुत्वीय बल, अध्यारोपण के सिद्धांत के नियम का पालन करती है
- गुरुत्वीय बल, सदैव आकर्षण बल होता है
- कम वजन वाले पिंडों के लिए गुरुत्वीय बल का मान नगण्य की तरह होता है जबकि ग्रह एवं तारों के लिए इसका मान नगण्य नहीं होता है
- प्रकृति में, गुरुत्वीय बल क्षीण बल होता है
- आवेशित कणों के गुरुत्वीय बल उनके मध्य लगने वाले स्थिर विद्युत बल की तुलना में बहुत कम होता है।
- गुरुत्वीय बल, एक पारस्परिक बल है
- गुरुत्वीय बल, पिंडों के द्रव्यमान पर निर्भर करता है
- गुरुत्वीय बल, सदैव आकर्षक बल होता है
- गुरुत्वीय बल, सदैव प्रकृति में आकर्षक होता है
- गुरुत्वीय बल, की इकाई न्यूटन (N) है
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