Motivational story in Hindi कछुआ और खरगोश - ldkalink
Motivational story in Hindi कछुआ और खरगोश: कछुआ और खरगोश की कहानी सुनकर इसे पढ़ना बंद मत कर देना, क्योंकि आपने अभी तक यह कहानी अधूरी ही सुनी है इसलिए इसे लास्ट तक जरूर पढ़ें।
इस आर्टिकल में हम कछुआ और खरगोश की कहानी को एक मोटिवेशनल कहानी के रूप में समझेंगे यह कहानी हमें कई तरह की शिक्षा देती है।
इससे पहले भी आपने बचपन में पढ़ा होगा खरगोश और कछुए की कहानी जिसमें कछुआ जीत जाता है पर यह कहानी इतने में ही खत्म नहीं होती है इसके आगे की कहानी आपने अभी तक नहीं पड़ी होगी यदि आप इसे पूरा पढ़ते हैं तो आपको कई तरह मोटीवेट होते हैं।
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Motivational story in Hindi कछुआ और खरगोश |
तो चलिए अब हम इस Motivational story in Hindi कछुआ और खरगोश की कहानी को आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि किस तरह की शिक्षा हमें इस कहानी से मिलती है।
Motivational story in Hindi कछुआ और खरगोश
कछुआ और खरगोश की कहानी से हमें जो शिक्षा मिलती है वह कुछ इस तरह से है:
1. Slow and steady win the race
कछुआ और खरगोश के रेस में खरगोश को हमेशा यही लगता रहता है कि इस रेस में तो मै ही जीतूंगा, क्योंकि कछुआ तो बहुत धीरे चलता है।
रेस जब शुरू होती है तो खरगोश को बहुत आगे निकल जाता है पर उसको लगने लगता है कि अब तो कछुआ बहुत पीछे हो गया है मैं थोड़ा सा आराम कर लेता हूं।
आराम करने के दौरान उसकी आंख लग जाती है इसी बीच कछुआ धीरे-धीरे करते हुए अपने नियमित चाल से खरगोश को पीछे छोड़ते हुए बहुत आगे निकल जाता है और यह रेस कछुआ जीत जाता है।
मोरल
कछुए के जितने से हमें slow and steady win the race की शिक्षा मिलती है।
यदि आप धीरे और एक नियमित गति से बिना रुके लगातार अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते रहेंगे, तो आप तेज और रुक-रुक कर चलने वाले से कहीं ज्यादा आगे निकल जाते हैं।
2. गलतियां ध्यान में रखो, दोहराव मत
खरगोश पहली रेस में अपने ओवर कॉन्फिडेंस के कारण एक धीमी चलने वाले कछुए से भी हार जाता है, खरगोश को अपनी गलती का एहसास हो जाता है और वह गुस्से गुस्से में कछुए से कहता है कि एक रेस और हो जाए देखते हैं कि इस रेस में कौन जीतता है।
जब दोनों में रेस शुरू होती है तो दोनों बिना रुके अपने-अपने गति से दौड़ते रहते हैं लेकिन इस बार की रेस में खरगोश जीत जाता है क्योंकि खरगोश ने पिछली बार जो गलती की उसको ध्यान में रखकर रेस लगाता है और वह जीत जाता है।
मोरल
अपनी गलतियां हमेशा ध्यान में रखो, और इस गलती को लाइफ में कभी भी दुबारा मत दोहराव।
3. Motivate होना
अब दोनों मोटिवेट होकर एक बार फिर कछुआ बोलता है एक रेस और हो जाए, पर इस बार का रास्ता मै तय करूंगा कि किस रास्ते पर रेस लगानी है।
अब दोनों में फिर से रेस होती है कछुआ ऐसा रास्ता चुनता है जहां बीच में नदी पड़ती है, जैसे ही नदी पास आती है कछुआ उस नदी में आगे निकल जाता है और खरगोश उस नदी के किनारे पर रुक जाता है इस तरह से इस बार के रेस फिर कछुआ जीत जाता है और खरगोश हार जाता है।
मोरल
अपनी स्ट्रेंथ के अकॉर्डिंग ही, हमें अपनी स्ट्रेटजी बनानी चाहिए।
हमारे लाइफ में भी कुछ ऐसा ही होता है यदि हम अपने स्ट्रेंथ के अनुसार रास्ता चुनते हैं तो हमें किसी तरह की कोई परेशानी आगे बढ़ते रहने में नहीं आती है।
4. दूसरों की स्ट्रेंथ, अपनी वीकनेस
एक बार फिर से दोनों में रेस लगती है और एक बार रास्ता वही पुराने वाला, नदी वाला ही होता है जब तक रेस रोड पर चलते रहता है तो खरगोश के ऊपर कछुआ होता है और जब पानी में चलना होता है तो कछुए के ऊपर खरगोश होता है।
दोनों मिलजुलकर चलते रहते है इस तरह से दोनों मिलकर बहुत कम समय में रेस पर कर जाते हैं बिना कहीं रुके हुए।
मोरल
दोस्त ऐसे बनाओ जिनकी स्ट्रैंथ हो, और आपकी वीकनेस।
इससे आप हमेशा मोटिवेट भी होते रहेंगे और रास्ता भी आसान होने लगता है हमारे लाइफ में भी कुछ ऐसा ही होता है की हमारे अंदर कुछ वीकनेस होने के कारण हम आगे नहीं बढ़ पाते हैं, लेकिन जब हम ऐसे दोस्त के साथ काम करे, उनकी स्ट्रेंथ हो और अपनी वीकनेस तो इससे बड़ा से बड़ा काम भी बहुत ही आसान हो जाता है।