Motivational story in Hindi पहली गलती माफ - ldkalink
Motivational story in Hindi पहली गलती माफ: यह हिंदी कहानी एक ऐसे मोटिवेशनल कहानी के रूप में है जो हमें सिखाता है कि अगर कोई व्यक्ति पहली गलती कर देता है तो उसके अच्छे कार्य को याद करके उसकी पहली गलती को माफ कर देना चाहिए।
हम अपने लाइफ में कई बार ऐसे लोगों को देखते हैं जो हमेशा से अपने ईमानदारी से काम कर रहे होते है लेकिन अगर उससे किसी तरह की भूल से कोई गलती हो जाए तो उसे सजा दे दिया जाता है।
यह भी नहीं देखा जाता कि उसका कार्यकाल इतने वर्षों तक कैसा रहा है अगर किसी कारणवश गलती हो भी गई तो उसे क्यों माफ नहीं करना चाहिए इसके बारे में कभी नहीं सोचा जाता।
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Motivational story in Hindi पहली गलती माफ |
Motivational story in Hindi पहली गलती माफ
यह कहानी एक ऐसे राजा और एक सिपाही की है जब सिपाही द्वारा एक बार राजा को एक सुझाव दिया जाता है जो राजा को थोड़ा भी पसंद नहीं आता और उसके इस सुझाव के कारण राजा उसे उसकी गलती की सजा देने के लिए तैयार हो जाता है।
उसकी गलती की सजा यह होती है कि वह उसे कुत्तों के बीच फेकना चाहता है ताकि कुत्ते इसे मार कर खा जाए।
लेकिन सिपाही एक मौका मांगता है आपकी गलती सुधारने का वह कहता है कि मुझे 10 दिन की मौलत दो मैं आपको साबित करके दिखाऊंगा कि मैं सही हूं।
राजा ने इस सिपाही को एक मौका देता है और कहता है अब से तुम इन कुत्ते की देखभाल करोगे, सभी तरह के कार्य तुम करोगे और वह 10 दिन में ही अगर कुत्ते तुमसे संतुष्ट नहीं होंगे तो इन्ही कुत्तो के बिच छोड़ दिया जाएगा।
वह उसी दिन से कुत्तों की देखभाल में लग जाता है और अपना सारा समय उन कुत्तों के बीच बीतता है उनको नहलाना, खिलाना उनकी देखभाल करना सभी तरह के कार्य वह ईमानदारी से करता है।
10 दिन पूरा होने पर राजा उसे देखने आता है कि कुत्तों की देखभाल किस तरह से कर रहा है जब वह पास आकर देखा है तो वह आश्चर्यचकित हो जाता है।
क्योंकि राजा के द्वारा पाले गए कुत्ते उस सिपाही के पैर चैट रहे होते हैं उसके पैर के नीचे बैठे होते हैं यह देखकर उसे बड़ा आश्चर्य होता है और सिपाही से प्रश्न करता है।
तुमने यह काम 10 दिन में कैसे कर दिखाया, तुम इन कुत्तों को अपने कंट्रोल में कैसे कर लिए 10 दिन में ही, ये कुत्ते बहुत खतरनाक थे तुम्हें डर नहीं लगा।
सिपाही ने बताया इन 10 दिनों में मैं इन कुत्तो की खूब सेवा की, किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होने दिया हर चीज समय पर करता गया यह कुत्ते इस चीज को बड़ी अच्छी से समझ गए कि मैं उनकी सेवा किस तरह से किया।
और आज मेरे साथ इतने अच्छे से मिल जूल गए कि आज मेरे पैर के नीचे बैठने लगे ईमानदारी से काम करना यह मेरा सबूत है।
सिपाही ने कहा मैं 10 दिन काम करके इन कुत्तों को अपने वश में कर लिया और इनका दिल जीत लिया, लेकिन मैं 10 सालों से आपके अंदर में काम कर रहा हूं बिना किसी गलती के तब भी मैं आपका दिल नहीं जीत पाया और सिर्फ एक गलती की वजह से मैं इन कुत्तों के सामने मर जाने वाला था।
राजा को सिपाही की बात समझ में आ गई, कि मुझे इसे सजा नहीं देनी चाहिए थी क्योंकि यह इतने सालों से मेरे लिए काम किया बिना किसी गलती के ईमानदारी से लेकिन उसके एक गलती के कारन ही इतनी बड़ी सजा नहीं देनी चाहिए।
और इस तरह से राजा अपनी गलती को स्वीकार करता है और फिर से सिपाही को अपने दरबार में बहुत अच्छे से रखना लगता है और वह सिपाही भी बहुत अच्छे से काम करने लगता है।
मोरल (शिक्षा)
यदि कोई व्यक्ति ईमानदार है और वह आपके पास कई वर्षों से कम कर रहा है तो उसकी एक गलती को इग्नोर करते हुए उसे माफ कर देना चाहिए और दोबारा उसे काम करने का मौका देना चाहिए।
ऐसा हम सभी के लाइफ में भी होता है जब हम किसी व्यक्ति को उसके एक गलती पर बहुत बड़ी सजा दे देते हैं जो उसके लिए बहुत दुखताई बन जाता है क्योंकि वह अपना पूरा समय किसी दूसरे के कार्य में बिता दिया होता है।
हमें भी अगर ऐसे व्यक्ति मिले तो उसकी पहली गलती को माफ करते हुए उसे दोबारा फिर अच्छे कार्य करने का मौका देना चाहिए ना कि उसे उसकी पहली गलती पर ही उसे इतनी बड़ी सजा देनी चाहिए।