Motivational story in Hindi दुखो को भुलाना - ldkalink

Motivational story in Hindi दुखो को भुलाना: आज के इस मोटिवेशनल स्टोरी में हम कुछ नया सीखने वाले हैं जो हमारे पास्ट में बीते हुए घटना के दुखों को भुलाकर, वर्तमान और भविष्य में हमे खुशी से रहने के लिए प्रेरित करता है। 
 

यह प्रेरणादायक कहानी (inspirational story) उन सारे बच्चो के लिए (for kids/students/children's) और बड़ों के लिए है जो अपने बीते हुए दिन को सोचकर अपने वर्तमान में हमेशा दुःख का अनुभव करते रहते हैं। 

Motivational story in Hindi दुखो को भुलाना

यह हिंदी कहानी (Hindi Kahani) एक ऐसे स्टूडेंट और सर के बीच एक की  है जिसमें स्टूडेंट कुछ दिनों से स्कूल में उदास होता है जिसे देखकर टीचर उसके उदासी का कारण जानना चाहता है। 

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Motivational story in Hindi दुखो को भुलाना

वह स्टूडेंट कुछ दिनों से अपने स्कूल में बहुत उदास सा रहता था वह बाकी बच्चों से कुछ अलग ही रह रहा था, अपने दोस्तों से ज्यादा बात नहीं करता था और ना ही टीचरों के द्वारा दिए गए होमवर्क को कर पा रहा था बस क्लास में चुपचाप बैठा रहता था। 

शिक्षकों द्वारा कुछ दिनों से उसको इस तरह से देखते हुए एक शिक्षक ने उससे पूछा, कि आप क्यों इस तरह से उदास बैठे रहते हो, आप बाकि बच्चो के तरह क्यों नार्मल नहीं रह रहे हो। 

बहुत दिनों से देखा जा रहा है कि आप अकेले रहते हो और अपने दोस्तों से भी बातचीत नहीं करते हो, और चुपचाप अपने सीट पर बैठे रहते हो और कुछ सोचते रहते हो। 

एक दिन की बात है जब एक शिक्षक ने उस लड़के से पूछा, की तुम क्लास में इतना क्यों उदास रहते हो, उस शिक्षक के पूछे जाने पर उस स्टूडेंट ने अपने बीते हुए दुःख को बताते हुए रोना शुरू कर दिया। 

उसके साथ पास्ट में बहुत कुछ बुरा हुआ है जिसके कारण से आज भी उन समय को याद करके रोता हु और हमेशा दुखी महसूस करते रहता है। 

टीचर के द्वारा उसकी बात को सुनकर उसे भी बहुत दुख होता है क्योंकि उसके पास्ट में जो बीता हुआ होता है वह सच में बहुत ही दुख भरा होता है। 

फिर भी टीचर सोचता है कि उसे इस तरह से दुखी में छोड़कर नहीं जाना चाहिए, उसे इस दुख से बाहर निकलने का कोई रास्ता ढूंढना चाहिए। 

एक दिन की बात है जब वह शिक्षक स्कूल में सभी स्टूडेंट के चले जाने के बाद उस उदास रहने वाले स्टूडेंट से अकेले में बात करता है। 

बात करते-करते वह सर दोनों के लिए दोग्लास शिकंजी बनाता है शिकंजी जो की गर्मी के दिनों में पीने वाला पेपर पे पदार्थ (नीबू सरबत) होता है। 

बात करते करते उस सर ने उस बच्चे से कहा, यह शिकंजी पी लो थोड़ा ठीक लगेगा और पुरानी बातो को भूलने की कोशिश करो।  

उस बच्चे को यह लगने लगता है कि मेरे उदासी देखकर सर मेरे से कुछ समय बात करने के लिए आए हैं और शिकंजी पीला रहे है ताकि मैं खुश हो सकूं। 

जब बालक उस शिकंजी को पीने के लिए जीभ को उस पेय पदार्थ से टच करता है तो पता चलता है कि इसमें नमक थोड़ा ज्यादा है जो पीने में सही नहीं लग रहा है। 

यह सुनते ही उस शिक्षक ने उस बच्चों से ग्लास वापस ले लेता है और बोलता है कि अरे हा इसमें तो नमक ज्यादा है चलो मैं तुम्हारे लिए फिर से इसे नया बनाकर लता हु। 

सर की बात को सुनते ही उस बच्चे ने कहा सर इसे मत फेंको, अगर इसमें हम थोड़ा सा शक्कर मिला दे तो यह बहुत अच्छा बन जाएगा और यह पीने लायक हो जाएगा। 

बच्चे की यह बात सुनकर टीचर बहुत खुश होता है कि यह तो बहुत अच्छी बात है की इसे बिना फेके ही पीने लायक बना दिया जाये। 

अब बच्चे ने सर से एक सवाल किया कि सर आप मुझे यहाँ क्यों रुक के रखे है, आप मुझे क्या समझाना चाह रहे है।  

शिक्षक ने बताया कि जिस तरह से अभी आपने कहा कि इसी शिकंजी में नमक थोड़ा ज्यादा है लेकिन इसमें शक्कर मिलाने से यह बहुत अच्छा हो जाएगा और यह पीने लायक भी बन जायेगा। 

ठीक ऐसे ही हम सबके जीवन में भी होता है क्योंकि हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ पास्ट में ऐसा कुछ बीता हुआ होता है जो उसे वर्तमान में खुश रहने नहीं देता है। 

वे उन्ही बीते हुए दिनों के दुख को याद करते हुए अपने वर्तमान के खुशी को भी मारते चले जाता है और हमेशा अपने आप को दुखी फील करते रहते है। 

यदि हम अपने लाइफ में भी बीते हुए किसी घटना के दुखों को भूलकर, यदि हम दुखी वाले दिनों से कही ज्यादा खुशी के पल को अपने लाइफ में ऐड करने लगे, तो हम अपने पुराने दुखो को भुलाने लगते है और वर्तमान में बहुत अच्छे से खुशी से जीने लग जाते है।  

Moral (शिक्षा)

Motivational story in Hindi दुखो को भुलाना: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम अपने लाइफ में पुराने दुखों को भुलाकर, इसमें खुशी वाला पल ऐड कर दे, तो हम वर्तमान और भविष्य में बहुत खुशी से रहने लग जाते हैं। 

हर किसी के लाइफ में कुछ ना कुछ ऐसा हुआ रहता है जो उसे अपने पुराने दुखों को याद दिलाता है और वर्तमान में जीने नहीं देता है। 

इसलिए हमें हमेशा अपने पुराने दुखों को भूलाकर उनमें और ज्यादा खुशी का का पल ऐड कर देना चाहिए, जिससे कि अब हमारे पुराने दुःख के दिन अब पूरी तरह ख़ुशी में बदल जाये। 

यह कहानी हमें सिखाती है की जो बीत चूका है उसे वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन अब हम अपने वर्त्तमान को और बेहतर बना सकते है खुशी के पल ऐड करके अपने लाइफ में, पुराने गमो को भूलकर ही आप अपने लाइफ में खुश रहकर हमेशा आगे बढ़ सकते है।  

एक सूखा पेड़ भी एक समय आने के बाद फिर से हरा भरा हो जाता है ठीक ऐसे ही हमें भी अपने दुखो को भूलकर अच्छे से रहना चाहिए।  

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