Motivational story in Hindi गुस्से पर काबू - ldkalink
Motivational story in Hindi गुस्से पर काबू: आज के इस हिंदी कहानी में हम ज्यादा गुस्सा करने से क्या नुकशान को सकता है और इस गुस्से पर कैसे कंट्रोल किया जा सकता है इसे समझने के लिए एक मोटिवेशनल स्टोरी के रूप में से इसे समझने का प्रयास करते हैं।
आप अपने आसपास में भी कई ऐसे लोग देखे होंगे, जो बात बात पर गुस्सा करते रहते हैं, चिड़चिड़ाते रहते हैं बात बात पर हावी होते रहते है, तो ऐसा करने पर आपको किस तरह का नुक्शान होता है आज के इस मोटिवेशनल कहानी में www.ldkalink.com पर जानने वाले है।
Motivational story in Hindi गुस्से पर काबू
एक रामू नाम का लड़का जो हमेशा बात बात पर कर किसी पर गुस्सा करते रहता था उसको यह बात समझ में नहीं आती कि उसके इस तरह के गुस्से से सामने वाले को कैसा लगता होगा, जब वह बिना गलती के दूसरे के ऊपर चिलाते रहता था।
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Motivational story in Hindi गुस्से पर काबू |
उस लड़के के बात बात पर गुस्सा करने के कारण से उसके पिता उससे बहुत ज्यादा परेशान परेशान हो जाया करते थे और उसे काफी समझाने का प्रयास करते थे कि गुस्सा करना बुरी बात है।
बेमतलब किसी पर गुस्सा उतारना यह बात सही नहीं है, लेकिन यह बात उसके समझ में आती नहीं थी एक दिन वह अपने बेटे को समझाने की कोशिश करते रहता है तभी उस लड़के के पिता के मन में एक आईडिया आता है अब यह तरीका अपना कर देखा जाये ताकि इसका गुस्सा शांत हो सके।
एक दिन उस लड़के के पिता ने अपने बेटे से कहा, इस थैले में बहुत सारी कील है तुम अपने पास रखो और जब भी तुम्हें गुस्सा आए यह सामने वाले दीवाल पर ठोकते जाना।
लड़का अपने पिता के आदेश के अनुसार जैसे ही किसी बात पर उसे गुस्सा आता था तो वह एक कील वहां से उठाता था और उसे दीवार पर ठोकता था।
ऐसा करते-करते एक दिन में वह 100 से भी ज्यादा कील दीवार पर ठोक देता था लेकिन धीरे-धीरे उसे यह महसूस होने लगा की कील ठोकने में बहुत कठिनाई होती है गुस्सा कण्ट्रोल करने के अपेक्षा।
धीरे-धीरे उसका कील ठोकना कम होने लगा क्योंकि वह गुस्सा करना कम कर दिया क्योंकि कील ठोकने में बहुत ज्यादा मेहनत होती है और गुस्सा कंट्रोल करने में कुछ भी मेहनत नहीं होती वह अपने हाथ में ही होता है।
अब उस लड़के को यह समझ में आने लगा कि कील को ठोकना एक बहुत मुश्किल कार्य लेकिन अपने गुस्से पर कंट्रोल करना बहुत आसान है।
ऐसा करते-करते वह गुस्सा करना धीरे से छोड़ने लगा और एक दिन वह छोड़ ही दिया अब उसके पिता ने उससे कहा कि जितने भी कील तुमने दिवार पर अभी तक लगाए है इसे एक एक करके निकालते जाओ।
उसके बेटे ने दीवार पर जितने भी कील लगे थे उसको एक एक करके निकाल दिया और अपने पिता से कहता है कि मैंने जितने भी कील दिवार पर ठोके थे उन सब को निकाल दिया हु, लेकिन अब ये दिवार पहले जैसे बिलकुल भी नहीं रहा है इसमें बहुत सारे छेद हो चुके हैं।
तभी उसके पिता ने उस दीवार को देखकर अपने बेटे को समझाया कि जैसे तुमने इस दीवार पर कील थोड़ा और उसे बाहर निकला तो यह दीवार पहले जैसे नहीं रहा।
ठीक है ऐसे ही हम सबके जीवन में भी होता है जब तुम किसी पर बेवजह गुस्सा करते हो तो सामने वाला का दिल दुखता है पर वह बोल नहीं पाता है हम कितने बार उसे सॉरी क्यों ना बोल दो लेकिन वह पहले जैसा नहीं रह पाता।
आपका गुस्सा करना किसी के दिल में बने हुए चले को कम कर देती है चाहे तुम कितने बार ही माफी क्यों न मांग लेकिन वह पहले जैसे नहीं हो पाता है।
लड़के को अब सब बात अच्छे से समझ में आ गया, कि उसके द्वारा जो गुस्सा किया जाता था किसी के ऊपर, उससे लोगो के प्रति उसका लगाव काम होने लगा था, अब वह यह निर्णय लेता है की अब किसी पर बिना कारण गुस्सा नहीं करेगा और अपने गुस्से पर कण्ट्रोल पाना सीख जाता है।
Moral (शिक्षा)
Motivational story in Hindi गुस्से पर काबू: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम किसी पर गुस्सा कर देते हैं तो सामने वाला इस गुस्से से बहुत ज्यादा हर्ट होता है हम चाहे कितना बार माफी क्यों ना मांगे लेकिन अब पहले जैसा सम्बन्ध दोनों के बीच नहीं रह जाता।
इसलिए किसी पर बेवजह गुस्सा करना अच्छी बात नहीं है हमें अपने गुस्से पर हमेशा कंट्रोल करके रखना चाहिए और दूसरों के दिलों में भी अपनी जगह बना कर रखना चाहिए।
क्योंकि आज के समय में कौन व्यक्ति कब हमारे काम आ जाए यह कोई नहीं जानता इसलिए हमें हमेशा अपना व्यवहार सब के प्रति अच्छे से बना कर रखना चाहिए और हमेशा यह कोशिश करना चाहिए कि जब भी हम बात करें प्यार से ही बात करें।