Blogging क्या है - ldkalink

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Blogging kya hai : ब्लॉग्गिं एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होता है जहां पर हम अपने विचार, नॉलेज, एक्सपीरियंस, को एक ब्लॉग के माध्यम से ऑडियंस को शेयर करते हैं। 

चुप रहने की कला Motivational story in Hindi - ldkalink

Motivational story in Hindi महान कैसे बने: यह हिंदी कहानी (Hindi kahani) एक ऐसे प्रेरणादायक (prernadayak/inspirational) कहानी के रूप में उन सभी बच्चों/विद्यार्थियों/बड़ो (kids/students/children's) के लिए है जो हमें बताता है कि यदि कोई हमे अपशब्द कहते रहता है और इस समय यदि हम चुप रहते हैं तो उनके द्वारा कहे गए नकारात्मक शब्दों को हम अपने अंदर प्रवेश ही नहीं करने देते है।

हम सभी जानते हैं कि, संघर्ष ही जीवन है अर्थात कठिनाइयां ही सफलता का रास्ता है इसलिए कभी भी दूसरों से उम्मीद मत रखो और ना ही अपनी तुलना किसी से करो और हमेशा खुद पर विश्वास रखकर मेहनत करना कभी ना छोड़े, यदि आप अपने लाइफ में कुछ बढ़ा करना चाहते है तो सपने हमेशा बढ़ा रखो और इसके लिए जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरुरी है।  

कभी भी अपना समय बर्बाद मत करो और समय की कीमत को समझो और जीवन में आने वाली हर एक चुनौतियों को स्वीकार करोसफल आदतें बनाओ, साथ ही साथ दुसरो को जज करने से बचे। 

यदि आप अपने आप को हमेशा मोटिवेट करना चाहते हैं, जीवन (life) में हमेशा आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया सीखते, सिखाते रहना चाहते है, आप अपने लाइफ में सफलता (success) प्राप्त करना चाहते हैं, एक सफल व्यक्ति के रूप में सबके सामने आना चाहते है तो यह motivational stories Hindi me आपके लिए ही है इसलिए इसे लास्ट तक जरूर पढ़े।  


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चुप रहने की कला Motivational story in Hindi

तो चलिए आज हम इस ब्लॉग यानी की www.ldkalink.com पर motivational story in Hindi चुप रहने की कला को पढ़ने जा रहे हैं।

Motivational story in Hindi चुप रहने की कला   

एक समय की बात है जब गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव में पहुंचे और उन सभी लोगो के साथ बैठे हुए थे तभी उन शिष्यों में से एक शिष्य खड़े होकर भगवान गौतम बुद्ध को अपशब्द बोलने लग जाता है। 

उस शिष्य की बातों को सुनकर गौतम बुद्ध एकदम से शांत रहते हैं और जितने भी शब्द वह बोलता जाता है उन सभी अपशब्दों को वह चुप चाप सुनते ही रहता है और उस शिष्य को कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देता। 

लास्ट में वह शिष्य अपशब्द बोलते बोलते थक जाता है पर गौतम बुद्ध कुछ भी नहीं बोलते हैं और इस तरह से वह शिष्य उस जगह से ही चला जाता है। 

उसके जाने के बाद एक दूसरा शिष्य जो अपशब्द बोलने वाले व्यक्ति के साइड में बैठा होता है गौतम बुद्ध से एक सवाल करते हैं कि वह जब आपको इतना उल्टा सीधा शब्द बोल रहा था तब आप क्यों चुप बैठे थे आपने कोई उत्तर क्यों नहीं दिया। 

गौतम बुद्ध ने उस पूछे गए शिष्य से एक सवाल किया कि यदि तुम्हें कोई उपहार में कुछ देता है और यदि तुम उसके उस उपहार को स्वीकार नहीं करते हो तो वह उपहार किसके पास रहता है। 

शिष्य ने बताया कि यदि मुझे कोई उपहार देता है और मैं उसे लेने से इनकार कर देता हूं तो वह उपहार उसी के पास ही रहता है जो मुझे दे रहा होता है। 

गौतम बुद्ध ने समझाया कि जब वह शिष्य जो मुझे अपशब्द बोल रहा था, जो मुझे उल्टे शब्द बोल रहा था उस समय मैंने उनकी बातों को ध्यान ही नहीं दिया, मैंने उसके कोई भी शब्द स्वीकार ही नहीं किया और इस तरह से उनके शब्द उनके पास ही चले गया। 

Moral (शिक्षा)

यदि कोई आपसे कुछ अपशब्द बोलता है और कही आप चुप रहते है, तो दूसरों के नजरात्मक शब्दों को अपने अंदर प्रवेश करने नहीं देते है।  

यदि आपको कोई कुछ अपशब्द शब्द बोलते रहता है और यदि आप उस समय चुप रहते हैं तो उनके द्वारा बोले गए शब्द उनके पास ही रह जाता है 

आप विषम परिस्थितियों में अपने मन को हमेशा शांत रखें, यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके अंदर कोई भी नकारात्मक शब्द प्रवेश ही नहीं कर पाता है।

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