Motivational story in Hindi असफलता का कारण गलत निर्णय: यह हिंदी कहानी (Hindi kahani) एक ऐसे प्रेरणादायक (prernadayak/inspirational) कहानी के रूप में उन सभी बच्चों/विद्यार्थियों/बड़ो (kids/students/children's) के लिए है जो हमें बताता है कि यदि हम अपने जीवन में असफल होते हैं तो हमारी असफलता का कारण हमारा गलत निर्णय ही होता है।
हम सभी जानते हैं कि, संघर्ष ही जीवन है अर्थात कठिनाइयां ही सफलता का रास्ता है इसलिए कभी भी दूसरों से उम्मीद मत रखो और ना ही अपनी तुलना किसी से करो और हमेशा खुद पर विश्वास रखकर मेहनत करना कभी ना छोड़े, यदि आप अपने लाइफ में कुछ बढ़ा करना चाहते है तो सपने हमेशा बढ़ा रखो और इसके लिए जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरुरी है।
कभी भी अपना समय बर्बाद मत करो और समय की कीमत को समझो और जीवन में आने वाली हर एक चुनौतियों को स्वीकार करो, सफल आदतें बनाओ, साथ ही साथ दुसरो को जज करने से बचे।
यदि आप अपने आप को हमेशा मोटिवेट करना चाहते हैं, जीवन (life) में हमेशा आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया सीखते, सिखाते रहना चाहते है, आप अपने लाइफ में सफलता (success) प्राप्त करना चाहते हैं, एक सफल व्यक्ति के रूप में सबके सामने आना चाहते है तो यह motivational story Hindi me आपके लिए ही है इसलिए इसे लास्ट तक जरूर पढ़े।
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Motivational story in Hindi असफलता का कारण गलत निर्णय |
तो चलिए आज हम इस ब्लॉग यानी की www.ldkalink.com पर motivational story in Hindi असफलता का कारण गलत निर्णय को पढ़ने जा रहे हैं।
Motivational story in Hindi असफलता का कारण गलत निर्णय
एक समय की बात है जब एक जिज्ञासु एक महान संत से अपना एक प्रश्न करता है कि ईश्वर कहां है यह सुनते ही वह संत मुस्कराने लग जाते है और उसके प्रश्न का उत्तर देते हुए बताते हैं कि भगवान हर जगह है, कण-कण में ईश्वर है हम सब में भी ईश्वर है।
संत के द्वारा बताए गए उत्तर को सुनते ही पीछे से जोर-जोर से आवाज आने लगती है कि सामने से हट जाओ यह हाथी पागल हो चुका है।
महारत रूपी ईश्वर जोर जोर से बार बार एक ही शब्द पीछे से चिल्लाते आते रहते हैं कि सभी सामने से हट जाओ यह हाथी पागल हो चुका है नहीं तो तुम सब मारे जाओगे।
महारत की आवाज को सुनकर जब वह संत पीछे पलट कर देखता है तो एक पागल हाथी चिंघाड़ते हुए उसके तरफ ही आते रहता है यह देखकर वह संत तुरंत ही हाथी के रास्ते से हट जाता है।
पर जिज्ञासु जो संत के साथ खड़ा होता है वह संत की बातों को याद करके कि भगवान सब जगह है हम सब में भी है सोचने लगता है उसे लगने लग जाता है कि भगवान इस हाथी में भी होगा, और भगवान मुझे कभी नहीं मारेंगे यह सोचकर वह अपनी जगह से नहीं हटता है।
जब हाथी उस जिज्ञासु के पास आता है तो अपनी सूट से उठाकर उसे दूर फेंक देता है जिससे उसे काफी ज्यादा छोट आ जाती है।
यह देखकर संत उस जिज्ञासु व्यक्ति के पास जाकर पूछते हैं कि तुमने इस पागल हाथी को देखकर अपनी जगह से भागा क्यों नहीं, अपनी जान क्यों नहीं बचाई।
जिज्ञासु बताता है कि थोड़ी देर पहले आप ने ही बताया था कि भगवान हर जगह है मुझे लगा इस हाथी में भी भगवान है और भगवान कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते यह सोचकर मैं अपनी जगह ही खड़ा रहा।
संत ने बताया कि लेकिन तुमने एक चीज नोटिस नहीं की इस पागल हाथी के पीछे महारत रूपी ईश्वर भी जोर-जोर से सबको बता रहा था कि यह हाथी पागल हो चुका है सब सामने से हट जाओ, तो तुमने उसकी बात क्यों नहीं मानी, भगवान उस व्यक्ति में भी था जो तुम्हें आवाज दे रहा था सामने से हट जाओ, यह पागल हाथी सबको मार देगी, इस समय उसमे भी भगवान था पर तुमने उसकी बात नहीं मानी।
Moral (शिक्षा)
हम अपनी अज्ञानता के कारण गलत निर्णय लेते हैं, और अपनी असफलता का कारण ईश्वर को कोशते हैं इसलिए जीवन में एक बात हमेशा याद रखें हमारा व्यवहार ही हमारी मूर्खता को दर्शाता है।
जीवन में खुद ही गलत निर्णय ले लेते हैं और अपनी असफलता का कारण किसी और को नहीं बल्कि ईश्वर को बताने लग जाते हैं।
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